करवा चौथ व्रत कथा--नाग छोटी बहु को लेकर कहाँ गये--करवा चौथ कब है

 

करवा चौथ व्रत कथा- नाग छोटी बहु को लेकरके कहाँ गया करवा चौथ कब है

एक ब्राम्हण परिवार में सात बहुएँ थी 6 बहुओ के मायके वाले बहुत  अमीर थे इस लिए उन बहुओं को ससुराल में बहुत मान सम्मान मिलता था छोटी बहु के मायके में कोई नहीं था

छोटी बहु घर का सारा काम काज करती और सबकी सेवा करती इतना सब करने के बाद भी छोटी बहु से कोई प्यार नहीं करता था

तीज त्यौहार पर छोटी बहु के मायके से जब कोई नहीं आता तो वह बहुत दुखी होती हर साल की तरह इस साल भी करवा चौथ का व्रत आया 6 बड़ी बहुओं के मायके से उनके भाई करवा ले कर आए

छोटी बहु के मायके में कोई था ही नहीं तो करवा कौन लाता सास छोटी बहु को खरी खोटी सुना रहीं थी छोटी बहु दुखी होकर घर से निकल पड़ी और जंगल में जाकर रोने लगी एक नाग बहुत देर से छोटी बहु का रोना सुनता रहा और अंत में वह नाग अपने बिल से बाहर निकल आया नाग छोटी बहु के पास जाकर बोला बेटी तुम रो क्यों रहीं हो छोटी बहु नाग से बोली आज करवा चौथ है मेरा कोई भाई नहीं है आज अगर मेरा भाई होता तो करवा जरुर लेकर आता

नाग को छोटी बहु पर दया आई नाग छोटी बहु से बोला बेटी तुम घर चलो मै अभी करवा लेकर आता हूँ

थोड़ी देर बाद नाग छोटी के ससुराल पहुँचा छोटी के ससुराल वाले इतना ढेर सारा सामान देखकर चकित हो गये छोटी की सास सारा सामान देखकर बहुत प्रसन्न हुई छोटी की सास ख़ुशी मन से छोटी बहु को नाग देवता के साथ भेज दिया

नाग देवता ने छोटी को अपना सारा महल दिखया नाग देवता छोटी से बोले जितने दिन चाहों आराम से रहों मन चाहा खाओं मन चाहा पहनों पर एक बात का ध्यान रखना सामने रखी नांद कभी मत खोलना छोटी सारा दिन महल में आराम से रहतीं और यहीं सोचती नांद के निचे है क्या छोटी की उत्सुकता बढ़ती जा रही थी नांद के निचे देखने की एक दिन जब घर में कोई नहीं था छोटी ने नांद उठाकर देखा तो हजारों छोटे-छोटे सांप के बच्चे इधर-उधर रेगने लगे छोटी जल्दी में नांद ढक दी जल्दी में नांद रखने से एक सांप की पूंछ नांद के निचे आकर कट गयी शाम को नाग के आने पर छोटी ने अपनी गलती स्वीकार कर ली नाग ने भी छोटी को क्षमा कर दिया

छोटी एक दिन नाग से बोली अब मुझे अपने ससुराल जाना है नाग ने धन,रत्न आदि के साथ छोटी को उसके ससुराल विदा किया ससुराल में अब छोटी की बहुत इज्जत होने लगी

जिस साँप की पूंछ कटी थी उसे सभी बड्डा कहकर तंग करते थे

एक दिन उसने अपनी माँ से पूछा मेरी पूछ कैसे कटी माँ ने बताया

छोटी के नांद उठाने और जल्दी से रखने में ही तुम्हारी पूंछ कटी है

तो वह बोला मै छोटी से बदला लूँगा माँ के बहुत समझाने पर भी वह एक दिन चुपचाप छोटी के घर जा छुपा और मौका पाकर उसे काटने की सोचने लगा छोटी और उसकी सास में किसी बात पर बहस हो रहीं थी छोटी कसम खा-खाकर कह रहीं थी मैंने ऐसा नहीं किया छोटी कह रहीं थी मुझे बड्डा भईया से प्यारा कोई नहीं है उन्हीं की कसम खाकर कहती हूँ मैंने ऐसा नहीं किया सब बातें सुनने के बाद वह   सोचने लगा---जो मुझसे इतना प्यार करती है मै उसे हीं काटने आया हूँ वह चुचाप घर चला आया माँ ने पूछा---ले आये बहन से बदला वह बोला माँ बहन से कैसा बदला

तभी से छोटी और बड्डा भाई बहन हुए हर साल करवा चौथ के दिन भाई अपनी बहन को करवा लेकर आता है और बहन बड़े प्यार से करवा चौथ का व्रत करती हैं

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ कहते है  

हिंदू पंचांग के मुताविक इस साल 2024 में करवा चौथ कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि का आरंभ 20 अक्तूबर को सुबह 6 बजकर 46 मिनट से होगा 21 अक्तूबर सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर समाप्त होगा

शुभ मुहूर्त करवा चौथ पूजा का—20 अक्टूबर शाम 5 बजकर 45 मिनट से सुरु होगा शाम को 7 बजकर 01 मिनट तक है

अपने पति की लम्बी आयु के लिए विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती है शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद महिलाएं अपने पति के हाथों से पानी पीती है हिंदू धर्म में करवा चौथ बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है     

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